कुछ यादों की डायरी : जून 2021
जून..!
अब तक बहुत कुछ हो चुका था, आखिरकार मैने विस्तार को भी लिखकर समाप्त कर दिया और फिर दिमाग में आया नया प्लॉट..! सो हम निकल पड़े अब तक की सबसे खुराफात हरकते समेटकर लिखने, और ऐसे करके बना अनि और अरुण का कैरेक्टर..! आइडिया कुछ खतरनाक था, दोनो अलग अलग टाइप के बंदे थे, लिखने में काफी मेहनत लगी, उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स तो नहीं मिला पर मैने किया, और अब तक की सबसे ज्यादा मेहनत वाली कहानी लिखी। एक एक सीन एक एक मूव सोच समझकर लिखना पड़ा!
हालांकि प्रेमम नाम होने के कारण लोग इसमें लव ढूंढने लगे जो कि कहीं दूर दूर तक था ही नहीं, पहली बार कुछ अलग करके मजा आ रहा था, अनि की शरारतें, अरुण का गुस्सा दोनो अलग अलग.. एक साथ लिखने में मजा आया, बट जरूरत के मुताबिक समय-समय पर कई बार प्लॉट और काफी चीजें बदलनी भी पड़ी पर ये बहुत ही मजेदार था।
जून में वैसे कुछ खास तो नहीं था बट बेहद गर्मी पड़ने के बाद भी कुछ ना कुछ करते ही रहते थे फिर भी ऐसा कुछ है नहीं कि याद किया जाए बस दिन भर कमरे में पड़े रहो और बाकी सब तो वही चल रहा था हां हल्की बारिश भी हो रही थी कभी-कभी पर धीरे-धीरे समय गुजरता भी गया। जून जाते-जाते बरसात का मौसम भी ले आया, जामुन भी आ गए थे बाहर घूमने जाना भी होने लगा, मतलब मैं तो बस जंगलों में घूमता हूं। यकीनन शुरुआत तो बहुत मजेदार रहा पर बीच-बीच में कहानी बहुत ही अजीब और कठिन होती जा रही थी इस कारण से मैं प्रॉपर लिख भी नहीं पा रहा था। हां यह वाली अजीब सी आदत मुझे अब भी है पर चलेगा कुछ ना कुछ कमियां हर किसी में होती हैं और मुझ ये है कि जब मैं कोई काम को अपने सोच के मुताबिक अपने उम्मीद के अनुसार नहीं कर पाता तो थोड़ा ब्रेक ले लेता हूं फिर कर लेता हूं क्योंकि छोड़कर जाने का कोई ऑप्शन तो होता नहीं है। फिर बरसात और बरसात के साथ बहुत सारी खेती किसानी का काम तो ऐसे में बिजी होना तो बनता है, तो फिर क्या एक तो तबीयत खराब उस पर यह तड़का, कुल मिलाकर जून शानदार रहा, देना 2 जून की रोटी बस वही...!
फिर मिलते हैं राधे राधे...!
🤫
26-Dec-2021 12:49 AM
प्रेमम में अनि का किरदार मजेदार रहा, क्यूट बट हार्ड... मारधाड़ खूब दिखाई , और सनकी इंस्पेक्टर डिफिक्ल्ट रहा होगा लिखना।
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